भारत में अश्लीलता(पोर्नोग्राफी) संबंधी कानून Pornography related laws in india

भारत में अश्लीलता, पोर्नोग्राफी Pornography in india

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Pornography ban

भारत में अश्लीलता(पोर्नोग्राफी) संबंधी कानून Pornography related laws in india

Pornography ban

 

 

भारत में अश्लीलता(पोर्नोग्राफी) संबंधी कानून Pornography related laws in india

Pornography ban

राज कुंद्रा के मामले में अश्लील फिल्म बनाने और उसका प्रकाशन करने के मामले में मुंबई में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420,34,292,293,तथा स्त्री अशिष्ट रूपन (प्रतिषेध) अधिनियम,1986 के तहत मामला चल रहा है।

भारत में पोर्नोग्राफी से संबंधित कोन कोन से कानून बने हुए है तथा वे किस तरह से इन अपराधों से संबंध रखते है इनके बारे में बात करते है।

भारतीय दंड संहिता 1860
धारा 292:-

अश्लील पुस्तको आदि का विक्रय (1) उप धारा (2) के प्रयोजन किसी पुस्तक,पुस्तिका, कागज, लेख, रेखाचित्र, रंग चित्र ,रूपण, आकृति या अन्य वस्तु को अश्लील समझा जाएगा यदि वह कामोत्तेजना है या कामुक व्यक्तियों के लिए रुचिकर है या उसका उसकी किसी मद का प्रभाव समग्र रूप से विचार करने पर ऐसा है जो उन व्यक्तियों को दुराचारी या भ्रष्ट बनाए जिसके द्वारा उस में अंतर्विस्ट या सन्निविस्ट विषय का पढ़ा जाना ,देखा जाना ,सुना जाना सभी सुसंगत परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए संभव्या है

जो कोई किसी अश्लील पुस्तक, पुस्तिका ,कागज, रेखाचित्र , रूपन या आकृति या किसी भी अन्य अश्लील वस्तु को चाहे वह कुछ भी हो बेचेगा भाड़े पर देगा, वितरित करेगा लोग प्रदर्शित करेगा या उसको किसी भी प्रकार परिचालन करेगा या उसे विक्रय, भाड़े ,वितरण ,लोग, प्रदर्शन या परिचालन के प्रयोजन के लिए बचेगा उत्पादित करेगा या अपने कब्जे में रखेगा अथवा आयात निर्यात करेगा,किसी कारोबार में भाग लेगा
प्रथम दोषसिद्धि:- 2 वर्ष ,2000 जुर्माना
द्वितीय दोषसिद्धि:- 5 वर्ष,5000 जुर्माना

धारा 293:-

तरुण व्यक्ति को अश्लील वस्तुओं का विक्रय आदि
जो कोई 20 वर्ष से कम आयु के किसी व्यक्ति को ऐसी अश्लील वस्तु दिखाएगा,बेचेगा, भाड़े पर देगा, वितरण करेगा, प्रदर्शित करेगा, परिचालन करेगा या अन्य
सजा
प्रथम दोषसिद्धि:- 3वर्ष ,2000जुर्माना
द्वितीय दोषसिद्धि:-7वर्ष,5000 जुर्माना

धारा294:- अश्लील कार्य और गानेजो कोई किसी लोग स्थान में कोई अश्लील कार्य करेगा अथवा किसी लोग के स्थान में या उसके समीप कोई अश्लील गाने या शब्द गाएगा सुनाएगा या उच्चारित करेगा जिससे दूसरों को क्षोभ होता हो और दोनों में से किसी भी भांति के कारावास से जिसकी अवधि 3 माह तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जाएगा

धारा 506:- आपराधिक अभीत्रास के लिए दंड
जो कोई अपराधिक अभीत्रास का अपराध करेगा वह दोनों में से किसी भी भांति के कारावास से जिसकी अवधि 2 वर्ष तक भी हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जाए

तथा यदि धमकी मृत्यु या घोर उपहती इत्यादि कारीत करने की या अग्नि द्वारा किसे संपत्ति का नाश कारित करने की या मृत्युदंड से आजीवन कारावास से या 7 वर्ष की अवधि तक के कारावास से दंडनीय अपराध कार्य करने की यह किसी स्त्री पर अस्तित्व का लांछन लगाने की हो तो वह दोनों में से किसी की भांति के कारावास से जिसकी अवधि 7 वर्ष तक की हो सकेगी जाने से या दोनों से दंडित किया जाएगा।

धारा 509:-

शब्द, अंग विक्षेप या कार्य जो किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के लिए आशायीत है जो कोई किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कोई शब्द कहेगा या कोई ध्वनि या अंग विक्षेप करेगा या कोई वस्तु प्रदर्शित करेगा या इस आशय से कि ऐसी स्त्री द्वारा ऐसा शब्द या ध्वनि सुनी जाए या ऐसा अंग विक्षेप या वस्तु देखी जाए अथवा 3 वर्ष तक का कारावास हो सकेगा या जुर्माना भी दायी होगा

धारा 354-A:-

यौन प्रपिड़न और यौन परिपीड़न के लिए दंड
निम्नलिखित कार्यों में से कोई भी कार्य करने वाला पुरुष
1.शारीरिक संपर्क और आगे बढ़ाना जिससे अवांछित व सुनिश्चित यौनिक संदेश
2. योनिक कार्य के लिए मांग या अनुरोध
3. महिला की इच्छा के बिना अश्लील लेखन दिखाना
4. योनिक प्रकार से रंगीन टिप्पणियां करना यौन उत्पीड़न के अपराध का दोषी होगा
3 वर्ष का कठोर कारावास या जुर्माना हो सकेगा।

धारा 354-B

नंगा करने के आशय से महिला पर हमला यह दंडिक बल का प्रयोग करना जो कोई भी पुरुष इस आशय से सार्वजनिक स्थान में किसी महिला को नंगा करने या नंगा होने के लिए विवश करने के आशय से हमला करता है या दांडिक बल प्रयोग करता है या दुष प्रेरित करता है तो ऐसी अवधि से जो 3 वर्ष से कम नहीं होगी लेकिन 7 वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से दंडित किया जाएगा

धारा354-C :- दर्शन रति (voyeurism)
जो कोई पुरुष ऐसी परिस्थिति में प्राइवेट कार्य में नियोजित महिला को देखता है या उसकी फोटो लेता है जहां उसे कुकर्मी द्वारा या कुकर्मी की तरफ से किसी अन्य द्वारा नहीं देखे जाने की प्रयिक आशा होगी या ऐसी फोटो का प्रचार करता है तो पहली दोष सिद्धि पर ऐसी अवधि के कारावास है जो 1 वर्ष से कम नहीं होगी लेकिन जो 3 वर्ष तक हो सकेगी दंडित किया जाएगा और जुर्माने के लिए दाई होगा दूसरी बार दोष सिद्धि पर ऐसी अवधि के कारावास से जो 3 वर्ष से कम नहीं होगा लेकिन जो 7 वर्ष तक का हो सकेगा दंडित किया जाएगा और जुर्माना का दाई होगा

धारा 354-D:- लुक छिपकर कार्य करना (stalking)

जो कोई भी पुरुषऐसे महिला द्वारा आरुचि स्पष्ट दिखाए जाने के बावजूद बार-बार निजी संपर्क बढ़ाने के लिए ऐसे व्यक्ति का पीछा करता है या संपर्क करता है या संपर्क करने का प्रयास करता है या इंटरनेट, ईमेल या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक सूचना प्ररूप से महिला द्वारा प्रयोग को देखता है

जो कोई भी लुक छिप कर कार्य करने का अपराध कार्य करता है पहली दोष सिद्धि पर ऐसी अवधि के कारावास से जो 3 वर्ष तक की हो सकेगा से दंडित किया जाए और जुर्माने का भी दाई होगा और दूसरी या अनुगामी दोष सिद्धि पर ऐसी अवधि के कारावास से जो 5 वर्ष तक की हो सकेगा से दंडित किया जाएगा और जुर्माना होगा।

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सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000

अधिनियम की धारा 67 इलेक्ट्रॉनिक रूप में “अश्लील सामग्री” को प्रकाशित या प्रसारित करना अवैध बनाती है। यह सामग्री, यह कहती है, कुछ भी हो सकता है जो “कामुक या वास्तविक हित के लिए अपील करता है या यदि इसका प्रभाव ऐसा है जो इसे देखने, पढ़ने या सुनने वाले लोगों को भ्रष्ट और भ्रष्ट करने के लिए प्रेरित करता है”। ऐसा करने वाले को तीन साल की जेल और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा हो सकती है।

आईटी अधिनियम की धारा 67A इलेक्ट्रॉनिक रूप में यौन स्पष्ट कृत्यों आदि वाली सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करने के लिए दंड प्रदान करती है। जो कोई भी यौन रूप से स्पष्ट सामग्री को “प्रकाशित या प्रसारित या प्रकाशित या प्रसारित करने का कारण बनता है” उसे 10 लाख रुपये के जुर्माने के साथ पांच साल की जेल की सजा हो सकती है।

 

पोक्सो अधिनियम 

धारा 13
अश्लील साहित्य के प्रयोजनों के लिए बालक का उपयोग
अगर कोई व्यक्ति यौन सुख पाने के लिए किसी बालक का प्रयोग पोर्नोग्राफी (अश्लील साहित्य, चलचित्र या चित्र) के लिए करता है, तो ऐसा व्यक्ति किसी बालक का अश्लील साहित्य के प्रयोजनों के लिए उपयोग करने के अपराध का दोषी होगा| पोर्नोग्राफिक उद्देश्य, जैसे कि–
टी०वी० चैनल
• विज्ञापन
• इंटरनेट
किसी इलेक्ट्रॉनिक या मुद्रित प्रारूप (प्रिंटेड फॉर्मेट) द्वारा प्रसारितकार्यक्रम या विज्ञापन (चाहे ऐसे कार्यक्रम या विज्ञापन का आशय व्यक्तिगत उपयोग या वितरण के लिए हो या नहीं)

धारा 14
पहले अपराध पर पाँच साल तक की सजा और जुर्माना; दुबारा वही अपराध करने पर 7 साल तक की सजा और जुर्माना

धारा 15
पोर्नोग्राफी (अश्लील साहित्य, चलचित्र या चित्र) सामग्री का संग्रह जो कोई भी व्यक्ति
1) ऐसी किसी भी अश्लील सामग्री को जमा करते हैं या अपने पास रखते हैं, जिसमें बच्चा शामिल है और उस सामग्री को हटाने, नष्ट करने या रिपोर्ट करने में विफल रहते हैं;

(2) जो कोई भी सामग्री को आगे प्रेषित करने या उसका प्रचार करने के लिए सामग्री जमा करते हैं, या

3) व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए अश्लील साहित्य को जमा करते हैं,तो वह पोर्नोग्राफी (अश्लील साहित्य, चलचित्र या चित्र) सामग्री के संग्रह का अपराध करते हैं|

धारा 16

(1) पहले अपराध पर 5,000 रुपए का जुर्माना और दूसरे अथवा उसके बाद अपराध किए जाने पर 10, 000 रुपए का जुर्माना
2) जुर्माने के साथ-साथ तीन साल तक के कारावास की सज़ा
3) पहले अपराध पर तीन से पाँ च साल तक की सजा; दुबारा वही अपराध करने पर 7 साल तक की सजा

स्त्री अशिष्ट रूपण (प्रतिषेध) अधिनियम 1986 :

स्त्री अशिष्ट रूपण (प्रतिषेध) अधिनियम 1986 :- विज्ञापन के माध्यम से या प्रकाशन या लेख या रंगचित्र या आकृतियों के या अन्य किसी माध्यम से स्त्री के अशिष्ट रूपण का प्रतिषेध करने और उससे संबंधित आनुषंगक विषय के लिए यहां अधिनियम बनाया गया है।अधिनियम में में स्त्री अशिष्ट रूपण के अपराध की सजा के बारे में प्रावधान करता है तथा अश्लील सामग्री को जब्त भी कर सकता है।र्र्हैंै

सजा:-धारा 6 में :- धारा 3,4,के अपराध के लिए प्रथम दोषसिद्धि पर 2 वर्ष कारावास और 2000 जुर्माना या
द्वितीय दोषसिद्धि पर 6 माह से कम नहीं और 5 वर्ष तक का करावास और जुर्माना 10000 से 1लाख तक का हो सकता हैं।